मित्रों इस ब्लॉग की शुरूआत करने की प्रेरणा मुझे खुद के कुछ कटु अनुभवों से मिली..जब मुझे कुछ कंपनियों की बेहद घटिया सेवाएं और लापरवाहीपूर्ण रवैया देखने को मिला...फिलहाल अपना ऐसा ही एक अनुभव यहां प्रस्तुत कर रहा हूं...आप में से बहुतों को भी ऐसे ही अनुभवों को झेलना पड़ा होगा...यहां लिखने का उद्देश्य है ऐसे अनुभवों से सीख लेने का और दूसरों को भी उन उत्पाद और सेवाओं के बारे मे बताने का जो वास्तव मे तो ग्राहक के लिए दु:स्वप्न ही बन जाते हैं
वीडियोकॉन का जो बंदा मेरे यहां डीटूएच लगाने आया था उसने मुझे मेरे एड्रेस प्रूफ के लिए मेरे ड्रायविंग लाइसेंस की फोटोकॉपी ली थी....परंतु वीडियोकॉन द्वारा भेजा गया मैसेज मेरा नाम कुछ और ही बता रहा था...
मैंने वीडियोकॉन कस्टमर केयर पर संपर्क करके आपत्ति दर्ज की तब कहीं जाकर मेरा सही नाम मेरे आईडी के साथ जोड़ा गया...
पिछले माह की गर्मी में जैसे ही गर्म हवा और धूलभरी आंधियों का दौर शुरू हुआ वीडियोकॉन डीटूएच ने जवाब दे दिया...
16 मई 2011 को पहली बार इसके कस्टमर केयर नं 09082099999 पर संपर्क करके शिकायत दर्ज कराई और शिकायत नं के साथ आश्वासन मिला कि हमारा इंजीनियर 24 से 48 घंटों मे आपके पास पहुंच जाएगा...
48 घंटे बीतने के बाद भी जब इंजीनियर नहीं पहुंचा तो दुबारा कस्टमर केयर से संपर्क किया गया और उन्होंने पुन: एक नया शिकायत नं थमाकर फिर से आश्वासन दे दिया...इसके बाद भी लगभग 5 दिन तक ना तो कोई इंजीनियर ही पहुंचा और ना ही वीडियोकॉन ने मुझसे संपर्क किया....23 मई को पुन: कस्टमर केयर से जब संपर्क किया गया तो गोलमोल जवाब देते हुए बताया गया कि हमारे इंजीनियर ने आपको फोन किया था और आप ही घर पर नहीं थे सो आपने आने को मना कर दिया और 'कंप्लेंट क्लोज' हो चुकी है...
तब आपत्ति जताने पर कहा गया कि हम इंजीनियर के खिलाफ रिपोर्ट भेजेंगे आप तो फिलहाल एक शिकायत नं नोट कर लीजिए...
अब ऐसे में किसी का गुस्सा सातवें आसमान क्या ब्रह्मांड के भी ऊपर पहुंचेगा....सो शिकायत नोट करने वाले प्रतिनिधि को अंतिम चेतावनी देते हुए कानूनी कार्यवाकी करने की बात कही गयी....
फिर मई को ग्वालियर से सुनील नामक व्यक्ति का फोन आता है और वीडियोकॉन में कंप्लेंट लिखाने और अगले ही दिन इंजीनियर भेजने की बात कहकर फोन काट दिया जाता है...
बस यहीं पर मैंने वीडियोकॉन डीटूएच से पल्ला झाड़ने का निश्चय किया...
सबसे बड़ी मजबूरी ये रही कि मैं वीडियोकॉन के खिलाफ कर कुछ नहीं पाया....कारण कि मैंने जिस दुकानदार से वीडियोकॉन डीटूएच खरीदा वह मेरे परम मित्रों में से है और कुछ भी खरीदनेपर पैसा चुकाने की बात करने पर वह शर्मिंदा करने की बात कहकर टाल देता है और पेमेंट महीनों में ही हो पाता है...वैसे मुझे स्वयं नहीं पता कि संबंधित उत्पाद की कीमत क्या है...
हालांकि फिलहाल राहत की बात ये है कि मित्र के काफी अफसोस जताने और उसके स्वयं के कहने पर स्थानीय ग्राहक सेवा प्रदान करने वाला बंदा आज रात को तकरीबन 9 बजे डीटूएच को ठीक करके गया है और फिलहाल तो सारे चैनल एकदम मस्त चल रहे हैं...
साथ ही वीडियोकॉन वाले बंदे और मेरे दुकानदार मित्र ने आगे कोई भी समस्या आने पर कोई भी दूसरा डीटीएच मुफ्त में देने की बात कही है...और वैसे भी उत्पाद से संबंधित सेवा देने की जिम्मेदारी कंपनी की है सो दुकानदार की कोई गलती मुझे इसमें नजर नहीं आती साथ ही वीडियोकॉन वाले बंदे को भी कंपनी द्वारा निर्देशित ना करने के बावजूद मेरे यहां सेवा देनी पड़ी और आगे भी वह स्वयं से ही संपर्क करने को कहकर गया है तो इसमे उसकी सदभावना ही नजर आती है....
फिर भी बैठे-ठाले की सलाहें तो झेलनी ही पड़ती हैं...लोगों ने सलाह दी कि ऐसे के यहां से खरीदते ही क्यों हो कि बिल का अता-पता ही नहीं है...आपस के संबंधों में अक्सर हम ऐसे ही व्यवहार करते हैं पर फिर भी किसी तीसरे पक्ष के कारण हम एक-दूसरे को थोड़ी दोषी ठहरायेंगे तिस पर बंदा मनचाही दूसरी डीटीएच तब मुफ्त लगाने को कह रहा है जब पहली का पेमेंट नहीं हुआ है...
खैर मैं तो आगे भी उसी दुकानदार से सामान लेता रहूंगा क्योंकि आपसदारी के कारण मेरे सामान का तो फ्री में रीप्लेसमेंट हो जाता है....पर फिर भी बिल सहित सामान लेने में ही समझदारी है.
मेरा अभिमत भी यही है कि सामान हमेशा खुद के नजदीकी व्यक्ति से लेना चाहिए। जब जेब ही कटवानी हो तो अपने आदमी से क्यों न कटवाई जाए। कम से कम संतोष यह तो रहेगा कि पैसा अपने की किसी व्यक्ति के पास गया है। लेकिन अपने आदमी को साफ कह दें कि वह पैसा तुरंत लेगा और तुरंत रसीद और वारंटी कार्ड आदि सभी औपचारिकताएँ पूरी करेगा और यदि ऐसा न करे तो आप भी कहीं भी जा कर जेब कटवा सकते हैं।
ReplyDeleteमेरा विचार है इस तरह आप की समस्या हल हो जाएगी।
साहब, आप का अनुभव ही कटु नहीं है, मेरा Whirpool के साथ भी अनुभव बहुत खराब रहा है, आजकल कंपनियाँ call center को हर काम का ठेका दे देती है, अब आपका सरदर्द अपनी शिकायत track करते रहिये,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
मेरा बिना पानी पिए आज का उपवास है आप भी जाने क्यों मैंने यह व्रत किया है.
ReplyDeleteदिल्ली पुलिस का कोई खाकी वर्दी वाला मेरे मृतक शरीर को न छूने की कोशिश भी न करें. मैं नहीं मानता कि-तुम मेरे मृतक शरीर को छूने के भी लायक हो.आप भी उपरोक्त पत्र पढ़कर जाने की क्यों नहीं हैं पुलिस के अधिकारी मेरे मृतक शरीर को छूने के लायक?
मैं आपसे पत्र के माध्यम से वादा करता हूँ की अगर न्याय प्रक्रिया मेरा साथ देती है तब कम से कम 551लाख रूपये का राजस्व का सरकार को फायदा करवा सकता हूँ. मुझे किसी प्रकार का कोई ईनाम भी नहीं चाहिए.ऐसा ही एक पत्र दिल्ली के उच्च न्यायालय में लिखकर भेजा है. ज्यादा पढ़ने के लिए किल्क करके पढ़ें. मैं खाली हाथ आया और खाली हाथ लौट जाऊँगा.
मैंने अपनी पत्नी व उसके परिजनों के साथ ही दिल्ली पुलिस और न्याय व्यवस्था के अत्याचारों के विरोध में 20 मई 2011 से अन्न का त्याग किया हुआ है और 20 जून 2011 से केवल जल पीकर 28 जुलाई तक जैन धर्म की तपस्या करूँगा.जिसके कारण मोबाईल और लैंडलाइन फोन भी बंद रहेंगे. 23 जून से मौन व्रत भी शुरू होगा. आप दुआ करें कि-मेरी तपस्या पूरी हो
अनुभव से ही आदमी सीखता है !
ReplyDeleteकस्टमर शायद कष्ट से मरने के लिए ही है ?